तवांग हमले के पीछे बहुत कुछ
डॉ एसपी गौड़ भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी
विशेषज्ञ तवांग हमले का सीधा संबंध चीन की आंतरिक परिस्थितियों से जोड़ रहे हैं। इस समय चीन की अर्थव्यवस्था अच्छी हालत में नहीं है। शी जिनपिंग के तीसरे टर्म के अनुमोदन के बावजूद जीरो कोविड नीति का जगह जगह विरोध हुआ है। कई बड़ी कंपनियों के चीन छोड़ने की पक्की खबर है, कोविड से विमानन सेक्टर ध्वस्त है। अत: चीनी राष्ट्रवाद को जगाने के लिए शी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के खिलाफ कुछ ना कुछ हरकत से स्कोप्स आता है भारत को उकसाता रहता है।
यह भी कहना है कि चीनी नेतृत्व पर सुंतजू लिखित आर्ट ऑफ़ वॉर (युद्ध कौशल) गहरा प्रभाव है। ईसा से छठी शताब्दी पूर्व में जन्मे सुंतजू चीन के महान युद्धक रणनीतिज्ञ माने जाते हैं। चीन ने कई दशकों की शांति भंग करते हुए मई 2020 मे लद्दाख की गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिकों को मारा, भारत ने तत्काल बदला ले लिया, परंतु रणभूमि सीमा के पश्चिमी फ्रंट पर रही। अब उसने सीमा के पूर्वी फ्रंट तवांग में हरकत की है। सुंतजू ने बिल्कुल यही लिखा है, "दुश्मन से पश्चिम में तैयारी करवाओ, वो पूरब में कमजोर पड़ जायगा"
पैटर्न वही है: पहले भूटान सीमा पर डोकलाम, फिर लद्दाख की गलवान घाटी और अब तवांग पहले मध्य, फिर पश्चिम और अब पूरब। जाड़े में चीनी हमले से जाहिर है तवांग की इस भारतीय चौकी को हथियाने के आदेश स्थानीय नहीं चीन की आला कमान से आए होंगे। अब चौकी कब्ज़ाएंगे, जाड़ों में अतिरिक्त सेना भेज देंगे, गर्मी आते-आते मामला रफा -दफा और चौकी हमारी!
इस पुस्तक में और भी बहुत कुछ महत्वपूर्ण लिखा है। कहते हैं कि नेपोलियन और शी हुआंग ने युद्व में सुंतजू की रणनीति और तत्वज्ञान का उपयोग किया था। द्वितीय विश्वयुद्ध, कोरियन युद्ध, वियतनाम युद्ध और जापानी सिविल युद्घ मे अनेक बार उनके दर्शन का इस्तेमाल किया गया।
"जीत निश्चित है तो लड़ो, राजा मना ही क्यों न करें। हार निश्चित है तो राजा के कहने पर भी मत लड़ो"
"गोपनीयता और धोखाधड़ी बरतो"
Avoid what is strong and attack what is weak.
Make the enemy prepare on his right and he will be weak on his left.
Deception and secrecy.
If fighting is sure to result in victory, then you must fight, even though the ruler forbid it; if fighting will not result in victory, then you must not fight even at the ruler's bidding
दुश्मन को अच्छी तरह समझो और अपने को भी, सौ लड़ाइयों में भी नहीं हारोगे" ताइवानी सुरक्षा पर अमरीकी हाथ होने के कारण इसी सीख को मानते हुए चीन मात्र फूंफां करके चुप हो गया।
अपनी आंतरिक परिस्थितियों के मद्देनजर चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपना प्राबल्य स्थापित चीनी राष्ट्रवाद को हवा देता रहता है। परंतु भारत ही क्यों चीन की सीमा रूस सहित14 देशों से मिलती है।
China disturbing India from infra dev on front 9 Assam dhola sadiya bridge enables Ind move forces to Arunachal; Delhi Srinagar via the great bridge.
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